Wednesday, 31 December 2025

प्रकृति और ईश्वर

 प्रकृति की गोद में ईश्वर कहें या ईश्वर की गोद में प्रकृति ...... 

जी हां, आज मैं आपको एक ऐसे प्राकृतिक स्थल के बारे में बताऊंगा जहां जाकर आप अपने आप को ईश्वर के नजदीक महसूस करेंगे, जहां अपार शांति है, जहां आवाज के नाम पर चिड़ियों की चहचहाहट है या फिर पानी की कलकल....... 

जी हां, मैं बात कर रहा हूं ऋषि मुनियों की पावन धरती सूरजकुंड (राजसमंद) की बात ... हा अपनी अरावली में ही है।

हम शुरुआत करतें हैं गोमती चौराहे से (उदयपुर कांकरोली से देवगढ़ भीम हाइवे पर स्थित है), गोमती चौराहे से हमें निकलना गढबोर चारभुजा की तरफ़, गढबोर से कोई 1-2 किलोमीटर आगे एक जगह दो रास्ते घूम रहे हैं, वैसे दोनों ही रास्ते जाते हैं , हमें जो (बाइक पर) बढ़िया लगा वो बायी ओर केलवाड़ा की तरफ़ का रास्ता ... इस रास्ते पर कोई 7-8 किलोमीटर के बाद एक दरवाजा आएगा उस दरवाजे से आपको अंदर जाना है और फिर आगे से आगे निशान (जैसे स्काउट केंप में निशान छोड़ते हैं) बनें हुए है जिनको फ़ॉलो करतें हुए आपकी बाइक वहां तक लें जाएं जहां तक आप लें जा सकतें हैं (अंतिम दो तीन किलोमीटर की बाइक राइडिंग भी वहां दुर्गम हैं और एक बढ़िया अनुभव देती हैं).


फिर आता है असली मजा, फिर वहां से आप और प्रकृति इसके अलावा कुछ नहीं .. क्योंकि मोबाइल के नेटवर्क भी नहीं आते हैं (इसलिए जब भी जाएं पहले ही घर पर संपर्क कर के बता दें कि अगले 5 घंटे फोन नहीं लगेगा)..... और इस सफर में आनंद इसी बात का है कि न तो पैदल रास्ता व्यवस्थित है और न ही जाना पहचाना (हां, बस निशान बनें हुए है उन्हें फ़ॉलो करतें जाइए) , घने जंगल में गुज़रते हुए डर लगना भी लाज़मी है लेकिन मंजिल की चाहत आपको रुकने नहीं देगी .... रास्ते भर में पहले लगभग 1 किलोमीटर की चढाई और फिर 2-²½ किलोमीटर का उतार और उसके बाद शुरू होता है एक गर्त (भुगोल की भाषा में गॉर्ज कहते हैं शायद), दोनों तरफ़ ऊंचे ऊंचे पहाड़ और बीच में बहता पानी और हमें चलना है उस पानी के किनारे किनारे और प्रकृति का आनंद लीजिए और देखिए कि पानी कितना क्रिस्टल क्लियर ऐसा एक्वेरियम में भी नहीं होता होगा, पानी में नन्ही मछलियां साफ़ दिखती है (बारिश के मौसम में निकलना शायद संभव नहीं होता होगा) ...... और ऐसे ही आनंद लेते लेते आपको जब पशु पक्षियों की चहचहाहट लगातार सुनाई दें तो समझ जाइए आप अपनी मंजिल तक आ गये है ... 😍

और वो स्थान देखकर ही आपकी थकान छु मंतर हो जाएगी, आपकी आस्था ऋषि मुनियों के प्रति और बढ़ जाएगी कि सच में ऐसे निर्जन वन में कैसे शुरुआत की होगी, एक बारगी तो मन करेगा कि यहीं रहकर शान्ति से जीवन जिया जाएं.. सब कुछ नहीं बताऊंगा कभी पहुंचकर महसूस कीजिए, ..... 

हां, वहां पर आपको चाय और भोजन प्रसाद की व्यवस्था


निशुल्क मिलेगी.......... 

एक और बात वहां अभी भी कुड़ा कचरा नहीं है, कहना क्या चाहता हूं समझ गये होंगे आप 😍

तो फिर ...... अरावली के इस हिस्से को महसूस कर आइए .... 

विशेष - जिन्हें ट्रेकिंग करने में कोई दिक्कत न हो वो ही जाएं .... आते समय चढ़ाई ज्यादा करनी पड़ती है तो शरीर साथ देना जरूरी है 😀 

#surajkund #SurajkundRajsamand

करन जांगिड़ 31/12/2025

प्रकृति और ईश्वर

 प्रकृति की गोद में ईश्वर कहें या ईश्वर की गोद में प्रकृति ......  जी हां, आज मैं आपको एक ऐसे प्राकृतिक स्थल के बारे में बताऊंगा जहां जाकर आ...