मुझे युँ आजमाने की कोशिश न कर।
अंधेरा बताने की कोशिश न कर।।
झर्रे झर्रे से दर्द ही रिसता है यहाँ,
मेरे दिल को छलने की कोशिश न कर।
आकाश भर ऊँचाई पर है सपनें मेरे,
राह में छोड़ जानें की कोशिश न कर।
मेरे लफ़्जों की बुनियाद तुम्हीं हो स्वर,
खुद को चुराने की युँ कोशिश न कर।
मैं समंदर मोहब्बत का हुँ करन,
नफरतों से भरने की कोशिश न कर।
©® जाँगीड़ करन kk
21_03_2017___6:00AM
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