उनकी घनी जुल्फों में हम खो जाने वाले है|
कहती है गालों की लाली वो शरमाने वाले है||
लगा के मेहंदी हाथों में अपने बैठे हुए है कब से,
कुछ इस कदर मोहब्बत वो हमसे जताने वाले है|
दिल लें चल आज फिर उनकी गलियों में,
सुना है वो बालों में गजरा लगाने वाले है|
छत पर देखा उनको सारे शहर ने जब से,
हुए बावले सब आज ईद मनाने वाले है|
देख के उनकी ये नाजुक सी अदायें,
हम भी अब थोड़ा 'स्वर' गुनगुनाने वाले है|
कितना सुंदर कितना प्यारा ख्वाब है 'करन',
जज्बात मेरे अब यहीं ख्वाब सजाने वाले है|
©® करन
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