पत्थर का शहर है,
है पत्थर दिल लोग।
बन जा तु भी पत्थर,
वरना न जीने देंगे लोग।।
पत्थरों की तो तासीर है,
पत्थर से ही टकराना।
मगर वो पागल है जो,
पत्थर से टकराते है लोग।।
पत्थर से बनी मुर्ति को,
पूजता है हर कोई यहाँ,
मगर राह पड़े पत्थर को,
मारते है ठोकर सब लोग।।
©® जाँगीड़ करन KK™
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