Friday, 8 July 2016

A letter to swar by music 7

हैलो स्वर.....
..........................
तुम पढ़ो न पढ़ो पर मैं तुम्हें युहीं खत लिखता रहुँगा, क्योंकि तुमने किसी खत का जवाब पढ़कर तो नहीं दिया शायद या फिर पढ़कर अनदेखा कर दिया है,
खैर कोई बात नहीं।।
हाँ, तो सुनो..........
जिंदगी बस युहीं मुस्कुराने का नाम है, हाँ वक्त की कुछ साजिशें कभी कभी आँखें नम कर देती हैं, हाँ मगर यह साजिशें तो होगी ही, पर जानती हो मैं फिर भी तुम्हें याद करके मुस्कुरा लेता हुँ, नम आँखों से भी, तो कभी कुछ पल तो याद करके खिलखिला पड़ता हुँ, बस कुछ युहीं वक्त गुजार लेता हुँ, इसी की साजिशों को धत्ता बताते हुए।
और हाँ.... अभी सावन आया है.... हर तरफ मौसम की खुमारी, कहीं पर मोर नाचते हुए दिखते है, तो तो, तुम जानती हो तुम्हारा डांस याद आता है मुझे, जैसे वो मोर नहीं तुम मात रही हो, बादलों को तुम बुला रही हो जैसे, और मैं उस डांस मैं खो जाता हुँ युहीं अक्सर......
अब आसपास हरियाली फैल गई है, सबकुछ हरा भरा है, हर तरफ खुशहाली है, मगर मेरा मन आज भी तन्हा है, रूखा सूखा है, जैसे की बरसों से कोई बंजर धरती हो, कोई फूल क्यों खिलता नहीं यहाँ, जानती हो ना तुमने प्यार की बारिश जो नहीं की, तुम्हारे साथ का इसे खाद न मिला.... अब तो लगता है कि कभी यहाँ कोई फसल न होगी, कोई पौधा न ऊग पायेगा, मेरे दिल की यह मिट्टी भी अब ऊसर हो चुकी है,
बस यहाँ तेरी नफरत की आँधियाँ चलती है, जानती हो ना, इस आँधी से यह ऊसर धूल आँखों में पड़ती है, और मैं इस वीरानें में कुछ भी देख नहीं पाता हुँ....
खैर छोड़ो ये बातें.........
बहुत सी बातें है बताने को तो मगर..........
अरे हाँ...... तुम सुनाओ!!! कैसी हो?
तुमसे कुछ और भी पूछना है.....
क्या तुम अब भी युहीं अपनी साड़ी के पल्लु को अँगुली में रख कर दाँतों से काटती हो?
ह ह ह ह ह.....
अरे.....
मैं भी ना!!! कितना पागल हुँ.....
अच्छा अपना ख्याल रखना और हाँ खत का जवाब जरूर देना......
तुम्हारे इंतजार में कुछ पंक्तियाँ लिखी है, देखो कैसी बनी है............
जिंदगी की जगह में,
तुम मिली इक बंजारन
कितने मील चलोगे राही,
संग तुम्हारे चलुँ मैं हरदम।।
प्रीत की राहें पकड़ी हमने,
कभी न सोचा क्या होगा?
तुमने हाथ छुड़ाया अपना,
मुश्किल अब चलना होगा!!
मजबुरी में गिरकर तुमने,
किया था ना मुझसे किनारा।
इक आस लिये तुम्हें पुकारे,
वीरान राहों पर बंजारा।।
.....
तुम्हारा
संगीत
©® जाँगीड़ KK™
08/07/2016... 12:40pm

2 comments:

  1. छा गए भाई ...

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया दादा।।

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