मेरी हार से पहले एक जीत हो जायें।
राह में फिर वहीं मधुर गीत हो जायें।
बस एक बार और आवाज तो दे दो,
खनकती चुड़ियों का संगीत हो जायें।
युँ उजाले के चलें जाने का डर नहीं है,
बस अंधेरे से एक बार बातचीत हो जायें।
मुझे भुलाने की वजह तुम बता सको स्वर,
किसी से तुम्हें इतनी गहरी प्रीत हो जायें।
रूख्सती का रिवाज जमाने भर में करन,
मजबूत कर दिल कि यह रीत हो जायें।
©® जाँगीड़ करन KK
16/10/2016__5:00 AM
बहुत सुंदर
ReplyDeleteशुक्रिया दादा
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