चंदा हम तुम कितने तन्हा
रात तारों भरी
मगर उदासी है....
बादलों में फैली
तुमको
तलाश है धरती पर किसकी?
.......
मैं देखता तुमको
तारों के बीच
कुछ ढूंढता
हूं
क्या तुम देखा
मेरे चाँद को कहीं
सवाल वहीं फिर मुझसे तुम्हारा
तुम्हें आसमां में तलाश किसकी?
........
चंदा हम तुम
चलो
सो जाये....
शायद वो
ख्वाब में आ जाये
कर रहे हम कब से
तलाश जिसकी!!
@karan kk
Photo by karan
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