Dear swar,
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मुकम्मल जिंदगी मुकम्मल ख्वाब ये तो हुई लोगों की बात...
उखड़ा हुआ चाँद और एक आवारा करन...
यह हूं मैं
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महकना है दिन को मेरे आजकल,
अरसे बाद चाँद को देखा है मैंने।।
😘😘
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आंखों से कोई नूर बरसता है,
चाँद ने पूनम की रात दिखाई है...
😘😍😘😍😘
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बहका था मैं आज कुछ पल को,
जमाने की मगर बंदिश थी यारा।
😘😍😘
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यह वो सबकुछ है जो पलभर की मुलाकात के बाद दिलो-दिमाग में आया था...
!!!!!!!!
बाकी......
गुस्सा लाजवाब था...... गुस्से में भी तुम इतनी खूबसूरत लगती हो कि पूछो ही मत.. मेरी!! मेरी तो भी वहीं हालत है तुम हो जो सामने तो दिल दिमाग शरीर सबकुछ हेंग हेंग सा हो जाता है.... तुमसे मिलने से पहले बहुत सोचा कि यह कहूंगा वो कहूंगा पर मिलने पर कुछ भी न कह सका, बस देखता ही रहा!!
क्या देखता हूं मैं....
और ख्याल आयें भी तो...
तुम्हारी गणित के, जैसे तुमने जोड़ लिया है खुद में एक खूबसूरत चाँद खुद में, घटा दिया है पहले जैसा मुस्कुराना, गुणा किया है अपनी गंभीरता को, भाग दे दिया है जिंदगी में जानें किसका.........
मैं सिर्फ सोचता रहा कि किस बिंदु पर खड़ी हो तुम, आसपास कितने बिंदु और थे जिनकी तरफ किरण बनकर या रेखा बनकर तुम बढ़ सकती हो.....
उन दुसरे बिंदुओं में तुम्हारे लिए मैं शायद नहीं हुं और मानकि हुं भी दूर अनंत में कुछ धूंधला सा....
तुम्हारा रेखाखंड हो जाना तो निश्चित है अब किस बिंदु तक पहुंच के रुक जाना है यह सिर्फ वक्त जानता है पर जानती हो रेखाखंड हो जाना इतना आसान नहीं है, और तुम्हारे लिए तो शायद बहुत मुश्किल है क्योंकि तुम्हें शुरू से किरण हो जानें का शौक रहा है कोई और समझें न समझें मैं समझता हूं और जिस दिन ये पंक्तियां तुम पढ़ोगी मेरा दावा है समझ गई तो रोओगी भी और तुम्हें इस बात का गर्व होगा कि तुम ऐसे इंसान के करीब भी रही थी जो तुम्हारे मन की बात को चंद गणित में कह सका और वो भी सटीक सटीक.... पर तुम्हारा रोना, बहुत देर हो चुकी होगी शायद, तब न तुम कोई बिंदु बदल पाओगी और मानाकि बदलना चाहोगी तो भी मैं तब धूंधला बिंदु इतना धूंधला हो जाऊंगा कि नजर भी आऊं या नहीं भी...
अभी तो तुम समझकर नासमझ ही बनोगी क्योंकि तुम्हारे आसपास कई बिंदुओं का संगम है.....
किरण हो जाने का वक्त नहीं है अब और रेखाखंड होकर रुक जाना है,
दुआ है खुश रहो.....
!!!!!!
जब तुमको देखा था ना पूरे 5 महीने बाद तो दिल दिमाग कुछ कहने पर मजबूर हो गया, बाकी मैं तो अब तक भी तुम्हारे ख्याल मात्र से खुश रह लेता हूं और आगे भी रहूंगा!!
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आगे से कोशिश करूंगा कि कोई और मुलाकात न हो, क्योंकि अब यह बहुत परेशानियां पैदा करती है दिल में,
मैं बस युहीं खुश रहना चाहता हूं....
तुम्हें सोचकर,
गणित के किसी प्रमेय की तरह सिद्ध कर लेता हूं कि तुम यहीं कहीं हो...
!!!
बातें बहुत है!
बस तुम सुन सुन कर परेशान हो जाओगी?
।।।
इसलिए इतना ही!!!
बाय।
With love
Yours
Music
Written by KARAN KK
05__05_2018___23:00PM
फोटो- अंधेरे में चाँद
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