डालकर बोझ स्वार्थ का मत परेशान कीजिये,
बच्चा हुँ साहब बच्चा ही रहने दीजिये|
जमाने की खौफ भरी दास्तानों से डर लगता है,
नानी की परियों वाली कहानी में डुबा रहने दीजिये|
ये खेल रिश्तों की कड़वाहट का मेरे किस काम का,
छुटकी संग लड़ाई का प्यारा खेल खेलने दीजिये|
बोझ जिम्मेदारियों का बर्दाश्त नहीं होता मुझसे,
वो बस्ते का बोझ ही मेरे कंधों पे रहने दीजिये|
लोगों के ताने आखिर कब तक सहता रहुँ मैं
पिता की प्यारी सी डाँट ही मेरे हिस्से में रहने दीजिये|
निभाने की भागदौड़ में झुलसता ही रहा हुँ 'करन'
माँ के आँचल की ठण्डी छाँव में सोया रहने दीजिये|
That's very nice
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