मेरी आँखों में झाँकने का हुनर रख लेना,
समंदर सुखा है ये इतनी समझ रख लेना।
जीत का सेहरा बाँधने का शौक नहीं मुझको,
मेरी हार तक का मंजर तुम याद रख लेना।।
बिछुड़े आज फिर कहीं मुलाकात हो शायद,
मेरी पहचान को आँखों में बसाये रख लेना।
कहीं मिल जायें जो मेरे बिखरे हुए सपने तो,
उन सपनों को दिल में समेटकर रख लेना।
कौन कहता है कि मौत से डरता है करन,
बस तब मेरा सर अपनी गौद में रख लेना।
©®जाँगीड़ करन kk
©® 05/11/2016__5:00AM
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