महसूस जो कर लें मुझको तुमने धड़कन देखी है,
जिसकी धुन को कान सुन रहे ऐसी करधन देखी है।
और जमाने के रिश्तों की बात नहीं मालूम मुझे,
जमीं की खातिर भाई की भाई से अनबन देखी है।
किसने बोला फुलों से घायल नहीं होते है भँवरे,
जब से तुम से आँख मिलाई पीर ही नैनन देखी है।
हाथ बढ़ाया जब भी मैनें तुमसे हाथ मिलाने को,
लोगों की आँखों में मैनें तब तब अड़चन देखी है।।
जब भी मेरी आँखों ने कोई ख्वाब नया दिखलाया है,
एक बावले करन ने तो स्वर की थिरकन देखी है।।
©®जाँगीड़ करन kk
07/11/2016_5:00AM
फोटो- साभार गुगल
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