सावन ने
तो
जैसे आज
धरती को
खुशहाल किया है।
.....
बादलों ने
गरज कर
भूमिपुत्रों का
आव्हान किया है।
.......
बरसती बूंदों ने
सजनी का
चेहरा
क्या कमाल किया है।
........
खेतों पर
बजते
घुंघरूओं ने
जीवन का
आधार दिया है।
...........
भारत बसता है गांवों में
धरा ने फिर
संदेश दिया है।
..........
©® करन जांगिड़ kk
और मैं, मेरी चिंता न कर मैं तो कर्ण हुँ हारकर भी अमर होना जानता हुँ
Saturday, 1 July 2017
सावन आया है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Alone boy 31
मैं अंधेरे की नियति मुझे चांद से नफरत है...... मैं आसमां नहीं देखता अब रोज रोज, यहां तक कि मैं तो चांदनी रात देख बंद कमरे में दुबक जाता हूं,...
-
मुझे युँ आजमाने की कोशिश न कर। अंधेरा बताने की कोशिश न कर।। झर्रे झर्रे से दर्द ही रिसता है यहाँ, मेरे दिल को छलने की कोशिश न क...
-
महसूस जो कर लें मुझको तुमने धड़कन देखी है, जिसकी धुन को कान सुन रहे ऐसी करधन देखी है। और जमाने के रिश्तों की बात नहीं मालूम मुझे, जमी...
-
हाँ!! मैं अब भी मेरी छत पर बैठा उस खिड़की को निहार रहा हुँ, कि शायद किस पल तुम उससे झाँकने का इरादा कर लो! वैसे देखो ऊपर आसमाँ में चाँद भी अ...
waah...
ReplyDeleteshaandar..
bahut khoob..,
भारत बसता है गांवों में
धरा ने फिर
संदेश दिया है।
waah...
ReplyDeleteshaandar..
bahut khoob..,
भारत बसता है गांवों में
धरा ने फिर
संदेश दिया है।
बहुत बहुत शुक्रिया जी
ReplyDeleteबढ़िया...नियमित लिखिये
ReplyDeleteहम आपका अभिनन्दन करते हैं. अनंत शुभकामनायें. साधुवाद..
#हिन्दी_ब्लॉगिंग