और मैं, मेरी चिंता न कर मैं तो कर्ण हुँ हारकर भी अमर होना जानता हुँ
मैं अंधेरे की नियति मुझे चांद से नफरत है...... मैं आसमां नहीं देखता अब रोज रोज, यहां तक कि मैं तो चांदनी रात देख बंद कमरे में दुबक जाता हूं,...
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