कोई चलता है मोहब्बत की प्यास लिये,
कोई छलता है जिंदगी की आस लिये।
हर पल नजरें दरवाजे पे ही टिकी हुई,
पलकें झपकती है तेरा ही आभास लिये।
अंधेरी रातों में वीराने का तुम्हें डर कैसा,
बेधड़क चलो संग जुगनु का प्रकाश लिये।
कोई मुस्कुराने की वजह तो ढूँढ लें तु भी,
क्यों हर वक्त रहता है चेहरा उदास लिये।
हे जगदाता विश्वविधाता सुन ले तु मेरी भी,
आया करन अब द्वार पे तेरे अरदास लिये।।
©® जाँगीड़ करन KK
01-12-2016__07:30 morning
वाह सर क्या बात है
ReplyDeleteलाज़वाब
बहुत बहुत शुक्रिया
Deleteशानदार. .
ReplyDeleteगज़ब