बचालो मुझे वो पुकार रही हमको,
सपनें में वो आत्मा बुला रही हमको।
इक बिटिया को जन्म देने वाली हुँ मैं,
कोख में मार दुँ इक माँ कह रही हमको।
क्या मैं वहशी नजरों के लिये बनी हुँ,
हर बिटिया चीखकर बता रही हमको।
बहुत स्नेह की जरूरत है उसको तो,
दर्द के मारे ही वो सता रही हमको।
दामन में हमारे कितने दाग है करन,
दामिनी हर पल धिक्कार रही हमको।
©® जाँगीड़ करन kk
16_12_2016___7:30morning
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