Friday 25 December 2015

Just watching my moon

गली में अपनी वो आज रंगोली सजायेंगे।
इसी बहाने तो नाम मेरा वो लिख जायेंगे।।

इक अरसे से बेकरार था झलक पाने को,
आज दिल में तस्वीर उनकी ही सजायेंगे।

देखुँगा जब खुली जुल्फें उनकी तो,
ये कदम भी मेरे जरूर बहक जायेंगे।

युँ अचानक देख कर मुझको शहर में अपने,
लब उनके भी खुशी से कुछ तो लरजायेंगे।

ए चाँद आज तू जरा साथ देना 'करन' का,
तेरी चाँदनी में हम 'स्वर' को निहार पायेंगे।

©® करन जाँगीड़
25/12/2015_21:55 evening

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