Friday 31 March 2017

Alone boy 11

हां,
मैं तन्हा तारा हुँ,
उस चमकीले
तारे को
निहारते हुए ही
अपनी
बची जिंदगी
को जी रहा हुं,
मगर यह क्या
आज उस तारे
की आँख में
आँसु क्यों?
जो मेरे
आंसुओं की
मजाक उड़ाया
करता था कभी,
आज उसके चेहरे का
रंग इतना फीका
क्यों?
उसकी वो
चमक
कहां गई?
या
यह मेरा भ्रम है
उसके मन में
जानें क्या
चल रहा होगा
इस पल,
मैं
तन्हा हुँ
मगर बैचेन भी।

©® जाँगीड़ करन kk
31_03_2017___21:00PM

अलविदा जिंदगी

कहां तो,
साँसें बची है,
कहां कोई ख्वाब जिंदा है,
बस शायर के
लफ़्जों में
कोई अहसास उनिंदा है,
आकाश रोयें,
या जंगल करहायें,
मगर शायर हुँ मैं
चेहरे पे
मुस्कान जिंदा है,
शहर में
कोई
दंगा हुआ है शायद
मेरे गांव में
प्रेम का
पैगाम जिंदा है,
तो तुम जा रहे हो,
खुश रहना सदा,
मेरा क्या है,
मैं करन
मेरी तो बस आस जिंदा है।

©® जाँगीड़ करन kk
31/03/2017__8:00AM

Wednesday 29 March 2017

A letter to swar by music 25

Dear swar,
First of all thanks for your positive view, & I hope the nature will do well with its positive thoughts..
हाँ तो......
लग रहा है आजकल तो कि जैसे वक्त के पंख लग गये है, बस मैं तुम्हारे और तुम्हारे ख्यालों में खोया रहता हुँ,
पर मन में एक अजीब सी बैचेनी रहती है, एक अजीब सा डर लगा रहता है कि आगे किस तरह के दिन देखने पड़ेंगे, कहीं फिर से दूर रहने का फरमान जारी न कर दो तुम......
खैर आगे की बाद में सोचेंगे फिलहाल तो इतना सा करता हुँ कि जो पास है या सामने है उसका भरपूर आनंद उठाया जायें,
और देखो ना.......
तुम साथ नहीं हो मगर दूर से साथ होने का अहसास दिला देती हो.......
कभी कभी तो तुम मन की बात अपनी जुबान से कह जाती हो,
युं लगता है कि धरती पे सबसे खुशनसीब इंसान हुँ मैं।
......
1.Kaai wegyo thaare.

Kaai soch m dubi h.

Yhi na.
Piya teri yad m aadho wegyo sharir,
Thasu milne khatre mnado bdo adhir.
।।।।।।।।।।
Yar gana acha h pura likhna।
...............
2. Lo aage dekho.

Kago bolyo daagle mhari akhya jowe baat,
Piyo to pardesh h mahri suni h har raat.
||||||||||||||||||||||
Badhiya sa.
..................
3. Chidiya chali pinghata le bewdo hath,
     Karan agr mil jawsi aaj karungi baat.
     |||||||||||||||||||
     Ka bawlo wewe
     ...
4. Lahngo phriyo kabro, odhni lahardaar,
Karan syu Milne aaj to chidiya h taiyar.
||||||||||||||||||||
Wastav m pagal hi h.

5. Na to m hu bawlo, n hu pagal gawar,
Chidiya Thara pyar m Karan huyo bekraar.
|||||||||||||||||
To sun ne karan mari b baat bekrar ho ya kuch b mummy-papa jo kewe wa man lijye.
......
हाँ......
मन खुश भी होता है, मगर कुछ संशय भी। न जानें क्या होगा?
मगर हम सिर्फ समय पर विश्वास करते हैं, समय ही सबकुछ है, जानती हो ना.....
तो......
।।।।।
चलो अभी के लिए इतना ही....
बाकी फिर कभी।।।

With love
Yours
Music

©® जाँगीड़ करन kk
28/03/2017____17:00PM

Thursday 23 March 2017

कोई बात नहीं

नजर  यहां  हर एक नजर को छलती है।
आँसु की इक बूंद ही आँखों में पलती है।।

जिसको  देखकर मुस्करा  देता हुँ मैं युहीं,
उन निगाहों में मेरी जिंदगी खटकती है।।

क्या खोया कितना खोया किसको कहें अब,
ये रात की खामोशी बस युहीं जलती है।।

कोई तो वजह बता के जाता ए जाने वाले,
क्या मेरी चाहत ही मेरी आखिरी गलती है।।

किसका  यकीं करें तो  करें यहां पे करन,
मासुमियत भी यहां खंजर लिए चलती है।।
©® जाँगीड़ करन kk
23_03_2017___6:00AM

उम्मीद का सूरज

मैं  तरन्नूम  में  खुशबू  भर  देता  हुँ,
बिन  लफ्ज़  के  गुनगुना  लेता  हुँ।

कहां खोया है चाँद अमावस्या को,
अँधेरे में  मैं मालुमात  कर लेता हुँ।

आकाश भर सपने हैं मेरे दिल में तो,
मगर किसी अहसास को जता देता हुँ।

जिंदगी की उम्मीद जब खत्म हो जायें,
तो भी मैं कोई सूरज नया ढूँढ लेता हुँ।

कभी आईना जरा गौर से देखना तो स्वर,
मैं करन हुँ खुद को तुझमें बसा लेता हुँ।।
©® जाँगीड़ करन kk
22_03_2017__7:00AM

Tuesday 21 March 2017

मोहब्बत का समंदर

मुझे युँ आजमाने की कोशिश न कर।
अंधेरा  बताने  की  कोशिश  न  कर।।

झर्रे  झर्रे  से  दर्द  ही  रिसता है यहाँ,
मेरे दिल को छलने की कोशिश न कर।

आकाश भर  ऊँचाई  पर है  सपनें मेरे,
राह में  छोड़  जानें की  कोशिश न कर।

मेरे लफ़्जों​ की बुनियाद तुम्हीं हो स्वर,
खुद को चुराने की  युँ  कोशिश न  कर।

मैं  समंदर  मोहब्बत  का  हुँ  करन,
नफरतों से भरने की कोशिश न कर।
©® जाँगीड़ करन kk
21_03_2017___6:00AM

दीवाना

उसका तो मन बहलाने का बहाना निकला।
जिसे प्यार समझा वो बस अफसाना निकला।

वक्त पर छोड़ दिया था फैसला जिंदगी का,
कंबख्त वक्त भी उसी का दीवाना निकला।

हम ठुकरा गये थे जुगनुओं को जिसकी खातिर,
वो  चाँद  न  जाने  क्यों मेरा  बेगाना निकला।

सारे  जहां  में  जिसे  ढूंढता  फिर  रहा  था  मैं,
खुद  में  ही  खुशियों  का  वो खजाना निकला।

मुसाफिर हुँ मैं रास्ता भटका हुआ ही सही करन,
उसी की तलाश में जानें क्यों यह दीवाना निकला।
©® जाँगीड़ करन kk
20_03_2017___19:00 PM

Saturday 18 March 2017

A letter to swar by music 24

Dear SWAR,
सबसे पहले तो उस शानदार स्वागत का दिल से शुक्रिया, और चाय के लिए भी, चाय बनाने वाली जब इतनी खूबसूरत हो तो चाय को तो स्वादिष्ट बनना ही है, अरे हाँ, बाकी सब तो ठीक है मगर तुमने अपनी यें जुल्फें बाँध क्यों रखी है, इन्हें आजाद छोड़ दो, यें आजाद ही अच्छी लगती है, हाँ,
अब देखो आईना,
लग रही हो ना बला की खूबसूरत....
हां,
अब एक कप चाय और लेकर आओ ना, मेरे पास....
वा रहने दो,
अभी लोग मुझे पागल कहेंगे......

Ye khuli hi achi lagti h,
Inhe yu Bandha n karo.
Tumhari julfein h ye,
Inse ghata braaya to karo.

#baawla

मगर यार!!!
मेरे सुबह परीक्षा है, घर जाकर पढ़ना भी है ना,
हाँ यार!! नी तो फैल हो सकता हुँ, इसलिए अब चलते हैं......
............
अब यह तो हो गई वो बात, अब जिंदगी की बात कर लुँ!! हां, मैं जानता हूं तु गैर है मगर युहीं,
कभी कभी मेरे दिल में..........
जानती हो ना मैं बहुत जिद्दी हुँ, वक्त को अपने हाथों से रोक देने तक की जिद है मेरी......
और तो और मैं यह भी जानता हुँ कि मुझे हारना है, मगर मैं खुद ऐसे हार मान लुँ, इतना भी आसान नहीं हुँ.......

"यह वक्त है कि जिद पे अड़ा है,
मालुम तो है इसे भी मेरी आदतें है।"

"आसान नहीं युँ मेरे हिस्से का चाँद लेना,
मैंने वक्त की तरफदारी करना छोड़ दिया है अब।"

हां,
तो मेरी जान,
मेरे इरादों को तुम जानती हो ना, मैं सिर्फ गलत तरीके से जीतना नहीं चाहता, बाकी.....
मेरी जिद अपनी जगह पर कायम है, मैं संघर्ष कर रहा हुँ, खुद से भी, वक्त से भी और उस भाग्य से भी जो मैं नहीं मानता कि यह मेरा भाग्य हो सकता है.......
........
खैर इन बातों को छोड़ो....
हां, तुम्हारा पल भर का साथ अच्छा लगा, और तुम्हें बता कि जब जब मैं तुम्हें देखता हुँ मेरे इरादे और भी मजबूत हुए जाते है......
ओके.....
अपना ख्याल रखना,
और हां,
पेपर अभी बाकी है, यह भी बात ध्यान रखना.....
।।।।
With love
Yours
Music

©® जाँगीड़ करन kk
18_03_2017__20:00PM

Friday 17 March 2017

चाँद से

चाँद की रौनक फीकी लगती है ना,
तुम्हारे  माथे बिंदिया जँचती है ना।

छम छम कोई आवाज सुनाई है तुमने,
मेरे कानों को सरस तो लगती है ना।

चेहरे  की  रंगत कुछ  बदली सी है,
हमें देखकर लजा सी लगती है ना।

अपनी जुल्फों को युँ बाँधा न करो,
ये आजाद ही अच्छी लगती है ना।

क्या तुमने गुनगुनाया है गीत मेरा,
तेरे स्वर में ग़ज़ल प्यारी लगती है ना।

देखो तुम्हें देखकर मुस्कुरा रहा करन,
यह मुस्कान तुम्हें अच्छी लगती है ना।
©® जाँगीड़ करन kk
17_03_2017___19:00PM

Thursday 16 March 2017

Alone boy 10

कल रात
वो
छत पर बैठकर
आसमां में
कुछ घूरता रहा,
और अचानक नजर
ठिठक गई,
हां,
तीन तारे
एक साथ नजर
आयें थे उसे,
एक लाइन में,
बिल्कुल करीब करीब,
दोनों तरफ के
तारों के साथ
कोई थे,
पर बीच
का तारा
अकेला ही था,
कुछ उदास सा,
कुछ हैरान सा,
.....
मगर उसकी नजर
दूर
उसी दिशा में
एक तारे
पर थी
और वो तारा भी
क्या तारा था,
चमकीला,
सौम्य,
सबसे आकर्षक,
उसने तारे को
करीब बुलाया
मगर
वो नखरीला तारा,
कब उसकी सुनता,
लेकिन इस
तन्हा तारे को
भरोसा है
एक समय तो
आयेगा
ऐसा कि
वो चमकीला तारा
उसके करीब जरुर आयेगा,
..
पर डर इस
बात का
भी है कि
कहीं तारे के
आने से पहले
भौर
न हो जायें
जो
दोनों की
जिंदगी को
लील
जायेगी,
हां, वो उदास है
इसलिए भी।
©® जाँगीड़ करन kk
16_03_2017___06:00AM

Wednesday 15 March 2017

Alone boy 9

आज सुबह,
उठकर उसने
किताब के पन्ने
पलटे
हां, कुछ
लिखा हुआ तो
था ही
उसने समझने
की कोशिश भी की
मगर उसे
हर शब्द कुछ
घूमता हुआ लगा,
और घूम घूम कर
चिड़ा रहे हो उसे
कि
जिसकी सोच में
डूबा है तू,
कभी खबर तो
लें
कि वो भी
तेरी याद में
खोती है या नहीं।।
मगर वो लड़का
पागल है शायद
बस हँस देता है और कहता है
मेरी किस्मत में
उसकी याद में
डूबना लिखा है,
मैं यह कर तो रहा हुँ,
उसकी किस्मत में होगा
वो कर लेगी,
हाँ, उसका मन अब
किताब में नहीं लगता
वो बस
कॉपी पेन
लेकर
फिर उसको
लिखने बैठ
जाता है,
जो कि बर्फ की तरह
कठोर हुई
जाती है,
और
प्रेम की अग्नि
का असर
भी
नहीं होता
उस पर...
पता नहीं
यह पागलपन
क्यों करता है वो?
©® जाँगीड़ करन kk
15_03_2017___6:30AM

Thursday 9 March 2017

A letter to swar by music 23

Dear SWAR,
अच्छा तो मुझे जिंदगी का ज्ञान नहीं है? यह बात तो कुछ हद तक सही भी है, मगर सुनो!!! जिंदगी का जो ज्ञान मुझे है मेरी खुशी और जीने के लिये काफी है।।
हम इतने भी नादान तो नहीं है, हर चाल को उसके समय से पहले जान लेते है,
और हम शह और मात भी जानते है, बस फर्क इतना हम उस तरह के खेल के मूड में नहीं है जो सब कुछ तबाह करके रख दें,
हाँ.... आपको सिर्फ जीत चाहिए, हर हाल में, मगर हमें ऐसी जीत की कोई आकांक्षा नहीं जो किसी के अरमान कुचल दें या किसी को पैरों तलें रौंद दें.... इससे बेहतर तो यह होगा कि हम अपनी हार ही स्वीकार कर लें, आप भी खुश और हम तो सदा ही यहीं कहते आयें है कि हम हारकर भी अमर होना जानते है........
...........
कि खंजर मेरे सीने में सही,
खंजर मगर टूटा हुआ तो है।
...........
और आप इतने हैरान न होओ, यह हमारी आदत है, जो आप भी जानते हो मगर इससे अनजान बने रहने की कोशिश करने की असफल कोशिश करते हो।
......
खैर ये बातें छोड़ो,
मैं भी किसको समझाने निकला हुँ न जानें?
आप तो मस्त रहो......
हर हाल में जिंदगी को जीने की एक आदत सी बना रहा हुँ मैं। आसान तो नहीं है यह , मगर देखो कभी आकर।
।।।।।
और एक बात जानकर खुशी हुई कि आपके academic exam अच्छे से हो रहे हैं, हम यहीं उम्मीद और दुआ करते है कि बाकी के पेपर भी अच्छे से हो।
हाँ.....
मैंने कहा था ना कि मेरी प्रीत तुम्हारे रास्ते में आड़े नहीं आयेगी, बस आप तो लगे रहो।
।।।।।।
हाँ.... अभी पतझड़ भी चल रहा है, जिंदगी का तो मेरे वैसे भी यहीं हाल रहता है हर मौसम में भी। कभी बहारें इस ओर आती ही नहीं, न यहां अब चिड़िया चहकती है, ना ही झील के ठंडे पानी से गुजरती कोई बयार ही आती है, बस एक शुष्क हवा हर वक्त ही चलती है जो मेरे शरीर के हर हिस्से को चुभती हुई सी प्रतीत होती है, और उस दर्द को सहता हुआ, साथ ही कराहता हुआ, एक सुखे ठूँठ की भाँति बस खड़ा हुँ।
जानें क्यों?
कभी कभी तो मन इतना खिन्न हो जाता है कि सोचता हुँ कि काश एक तेज अंधड़ आयें और उखाड़ ले जायें, मिटा दें मेरे वजूद को।।
जब कोई हरियाली नहीं होनी है यहां तो ठूँठ बने रहकर साँस लेना भी अब दुभर हो गया है,
मगर यह भी वक्त के हाथ में है, मैं तो चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता हुँ, बस एकटक आसमान को निहार रहा हुँ कि शायद कोई आस बरस जायें.......
।।।।।
With love
Yours
Music

Saturday 4 March 2017

Alone boy 8

किसी
ख्वाब ने
आस जगाई
उसकी....
इक आवाज से
बंद पलकें
डबडबाई
उसकी....
जानता है वो
कल फिर
सुनसान
रात में
सिर्फ यादें
देगी
उसकी........
मगर फिर भी
जानें क्यों
वो
सुन रहा
बातें
उसकी........
हां
उसे मालुम है
खुद का हश्र तो
शायद
किसी को
खुश
रखने की
आदत हो गई
उसकी....
©® Jangir Karan KK
04/03/2017__19_40PM

Thursday 2 March 2017

A letter to swar by music 22

DEAr SWAR,
हर बूंद से लिखे जो लफ्ज़ तो यह कहानी बनी,
आँख बरसती रही कलम जो तेरी दीवानी बनी।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
........
यह मौसम भी देखो, पता नहीं क्या चाल चल रहा है, अपने अलग अलग रूप से जहाँ को छल रहा है......
हाँ.... इसकी चपेट में अभी मैं खुद भी आ गया हूं, शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ा है, जिस सर्दी की तीक्ष्णता से मेरे कुछ भी फर्क न पड़ा, अभी इसके हल्के से पलटवार ने मेरी हालत खस्ता कर दी....
हाँ... मेरी जान, शरीर जैसे कहीं बंध सा गया है, नाक भी कुछ लाल हो गई है, आँखें भी कुछ खुद को चुभती सी लग रही है....
खैर छोड़ो यह.......
और क्या बात है, आजकल बड़ी खुश नजर आ रही हैं आप?
वैसे खुश तो होना ही चाहिए, पर जब खुश होने की वजह ही कुछ निराली हो तो, कुछ तो सोचना पड़ता है ना...
हाँ..... तो!!! हाँ मुझे मालूम है यार, तुम्हारे मन की भावना को समझ सकता हुँ मैं..... इसलिए मेरे बारे में ज्यादा विचार मत करो...
और सुनो....
जिंदगी आजकल मुझे भी कुछ अच्छे दिन दिखाने पे तुली हुई है, पता नहीं कि यह मेरा भ्रम है या हकीकत?
बस अब जल्दी किसी बात पर विश्वास ही नहीं होता, खैर, समय बतायेगा कि वास्तव में क्या होना है!
और जानती हो ना मैं तो समय को सबसे ज्यादा बलवती मानता हुँ........
अरे हाँ!!!! तुम्हारे उन नृत्य को देखकर मन मंत्रमुग्ध हो गया, क्या कहना!
बस मैं तो एकटक देखता ही रहा, अरे! इतना ही नहीं, मैं तो बैकवार्ड कर कर के बार बार देख रहा था.....
.........
एक बात बतायें,
मैं लिखता हुँ तो वजह सिर्फ इतनी सी है कि तुम मुझे समझ सको, जो तुम्हें कहना चाहता था मिलकर वहीं बातें मैं यहां लिखता हुँ.... और जानकार थोड़ा संतोष हुआ कि आपको भी ये पसंद आने लगी है धीरे धीरे!!
मगर पसंद आने से ज्यादा की आशा है मुझे, कभी इन पर गौर करो....
समझो.......
"मेरी छोटी सी कहानी की नायिका हो तुम,
युँ दर्शक बन कर सिर्फ वाह वाह न किया करो..."
.........
खैर......
परीक्षा की घड़ी है, हाँ, जिंदगी तो रोज लें ही रही है परीक्षाएं मगर अभी तो स्कूली और कॉलेज की परीक्षाएं शुरू हो गई है, आपको भी आज से इस परीक्षा रूपी युद्ध में लड़ना है, मेरी खुद की भी है कुछ दिन बाद......
मैं अपनी ओर से आपके कान्हा से विनती करता हुँ कि आपको इन परीक्षाओं में उचित सफलता दिलायें,
..........
हे कृष्ण,
मेरी दुआओं का असर हो तो यह कर देना,
मेरी दोस्त की झोली में खुशियाँ भर देना।।
!!!!!!
Wish you all the best.
........
अभी इतना ही, बाकी फिर कभी......
..........
With love
Yours
Music
©® Jangir Karan KK
02/03/2017____06:30AM

Alone boy 31

मैं अंधेरे की नियति मुझे चांद से नफरत है...... मैं आसमां नहीं देखता अब रोज रोज, यहां तक कि मैं तो चांदनी रात देख बंद कमरे में दुबक जाता हूं,...