किसी
ख्वाब ने
आस जगाई
उसकी....
इक आवाज से
बंद पलकें
डबडबाई
उसकी....
जानता है वो
कल फिर
सुनसान
रात में
सिर्फ यादें
देगी
उसकी........
मगर फिर भी
जानें क्यों
वो
सुन रहा
बातें
उसकी........
हां
उसे मालुम है
खुद का हश्र तो
शायद
किसी को
खुश
रखने की
आदत हो गई
उसकी....
©® Jangir Karan KK
04/03/2017__19_40PM
और मैं, मेरी चिंता न कर मैं तो कर्ण हुँ हारकर भी अमर होना जानता हुँ
Saturday 4 March 2017
Alone boy 8
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Alone boy 31
मैं अंधेरे की नियति मुझे चांद से नफरत है...... मैं आसमां नहीं देखता अब रोज रोज, यहां तक कि मैं तो चांदनी रात देख बंद कमरे में दुबक जाता हूं,...
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Dear swar, इधर कई दिनों से एक घटनाक्रम की नींव तैयार हो रही थी, मुझे मालूम था कि यह होना है और होना जरूरी भी था क्योंकि वक्त के साथ कुछ बदल...
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