Tuesday 19 July 2016

गुरू पुर्णिमा

#गुरू_पुर्णिमा
हाँ वो साइकिल से आते थे, तेज धूप में भी, ठिठुरती हुई सुबह भी, तेज बरसते पानी में भी....
हाँ वो हमारे खातिर आते थे...
साइकिल पंक्चर हो जाती तो लेकर पैदल ही चलें आते!!
और उन्होनें बनाया है बहुत सु को जो बाइक खरीद सकें, कार में बैठकर सफर कर सकें........
नमन उन गुरूजी को......
उनके चरणों कुछ पंक्तियाँ समर्पित.....
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एक शालीनता की मिसाल है वो,
जोश से भरा हुआ है एक समंदर।
हरेक बच्चा हो जायें सफल जीवन में,
यहीं  तमन्ना रखते  दिल के  अंदर।।
एक आवाज से ठहर जाता था मन,
न जानें कैसा रखते वो जादु मंतर।
बनाया है एक नायाब हीरा करन को,
वरना मैं तो था राह का एक कंकर।।
#करन

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