Thursday 1 March 2018

दोहे- होली

बादळ आज थु आवज्ये, बरसा दीज्ये रंग।
होळी खेले गोरड़ी, मैं भी खेलूं संग ।।

पिचकारी ले आवज्ये, लाज्ये रंग गुलाल।
मैं तो थारे रंग में, रंगस्यु मारा गाल।।

होली के रंग जांगिड़ करन के संग।
#Happy_Holi

No comments:

Post a Comment

Alone boy 31

मैं अंधेरे की नियति मुझे चांद से नफरत है...... मैं आसमां नहीं देखता अब रोज रोज, यहां तक कि मैं तो चांदनी रात देख बंद कमरे में दुबक जाता हूं,...