Friday 5 February 2016

A letter to swar by music 5

हैलो स्वर,

आज अभी अभी मुझे युँ लगा कि तुमने मुझे याद किया है। लेकिन अगर तुमसे मैं पुछुँगा तो भी तुम साफ साफ इंकार कर दोगी।
और यहीं कहोगी कि यह सब मेरा भ्रम था। लेकिन सच तो यह है कि तुम्हें फुर्सत मिली है हमें याद करने की। तुम्हारे मानने न मानने से यह झुठा साबित नहीं हो सकता।

और देखो जो तुमने मेरे सामने सवाल रखा था मैं उसी सवाल में उलझा हुँ। मैनें अपनी तरफ से जो उत्तर दिया था उस पर आज भी कायम हुँ लेकिन यार थोड़ा बहुत तो तुम्हें भी समझना चाहिये ना!!!
पर तु ठहरी नालायक!! तुम्हें जरा सी परवाह नहीं मेरी। कितनी लापरवाह हो तुम।
।।।।।।।
जानती हो आज जब मैं बाहर किसी गाँव से वापस घर लौटकर आया तब बिल्कुल थक गया था।
पता है उस समय तेरी बहुत याद आई। बस दिल में एक ही ख्याल आया कि काश तु यहाँ होती तो कितना अच्छा होता!! तेरी मुस्कुराहट से ही मेरी सारी थकावट छुमंतर हो जाती। और!! तुम्हें मालुम तो है ना तुम और नीतु ही वो शख्स है जिनके एक इशारे पर मेरी थकावट मुझसे कोसों दूर हो जाते हैं, जब तुम दोनों पास हो तो दुनियाँ कितनी हसीन लगती है, लेकिन मेरी किस्मत में न जानें कैसे दिन लिखें है?
तुम दोनों ही पास नहीं हो!
क्यों दूर दूर से हो तुम????
।।।।।।
तुम्हें मालुम हो कि मैं यहाँ हर पल ही तेरे ही ख्यालों में खोया रहता हुँ, कुछ भी पता नहीं रहता है,
तुम शायद मेरे ख्यालों में नहीं खोती होगी, क्योंकि तुम्हें तो काम भी बहुत सारे करने पड़ते है ना!! सुबह उठकर पढ़ना, फिर नहा धोकर तैयार होना।।।
हाँ!! क्या अब भी तुम बालों को बनाने में उतना ही वक्त लगाती हो?
वो हेयर पिन को एक बार मुँह में पकड़कर फिर ही बालों में लगाती हो ना!!
या भूल गई वैसा सबकुछ!!!
हाँ मुझे सब याद है अब भी!!!
स्कूल लेट हो जाना!!
मालुम है ना????
मैं भी कितना पागल हुँ ना क्या क्या लेकर बैठ गया। पर क्या करूँ यार!!याद आ जाते हैं वो दिन।।
बस मैं बैठकर याद करता हुँ उन दिनों को, कितने आँसु बहा दिये पर यें यादें धुँधली ही नहीं होती,
लगता है कि जैसे कल की ही बात हो!!
।।।।
और देखो सर्दी भी कम पड़ गई है! परीक्षा नजदीक आ गई है, तुम्हें भी इसकी चिंता तो रहती है ना!!
हाँ मैं भी परीक्षा देने वाला हुँ पर कोई डर नहीं, अब कुछ पाने की इच्छा नहीं होती!
तुम्हारी यादें और तुम्हारा इंतजार मिला है ना यहीं काफी है सदियों तक साँसों को चलाने के लिये!!
फिर भी हर बार की तरह यह तो कहुँगा कि अब भी आ सको तो आ जाना!!
बाकी इंतजार तो है और रहना ही है.....
सदा के लिये इंतजार तुम्हारी यादों के साथ........
..............
तुम याद करो या न करो तुम्हारे बस में है,
पर मैं याद न करूँ यह भी मेरे बस में नहीं है।
।।।।।।।।
अब सो रहा हुँ
शुभरात्रि ।।।।।।
05/02/2016_____23:45 pm
...................................
...................................
सिर्फ तुम्हारा
संगीत

©® जाँगीड़ करन kk

फोटो साभार गुगल

No comments:

Post a Comment

Alone boy 31

मैं अंधेरे की नियति मुझे चांद से नफरत है...... मैं आसमां नहीं देखता अब रोज रोज, यहां तक कि मैं तो चांदनी रात देख बंद कमरे में दुबक जाता हूं,...