फूल
यूं तो
हरपल ही
मुस्कुराते हैं,
मगर
सावन में थोड़ा
ज्यादा ही
खिलखिलाते है,
मौसम की खुमारी
इन पर
कुछ ऐसी ही
छाई
जो रहती है....
मगर
फूल
अक्सर
टूटने से
मुरझा जाते हैं,
या फिर
मौसम की
बेरूखी से
उदास से
नजर आते हैं।
हम इंसानों का
भी कुछ
यही
तो हाल होता है,
इक खिलखिलाते
चेहरे को
अक्सर कोई
लफ्जों से
उदास कर देता है,
वो बात और है कि
हम तब भी
बाहर
मुस्कुराते हैं,
मगर दिल
मालूम सबको
है
दिल
कितना
उदास रहता है,
जब
कोई
छोड़ जाता है।।
©® Karan kk
29_06_2017
और मैं, मेरी चिंता न कर मैं तो कर्ण हुँ हारकर भी अमर होना जानता हुँ
Thursday 29 June 2017
Alone boy 23
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Alone boy 31
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