Sunday 18 October 2015

रेड लाइट एरिया

#रेड_लाइट_एरिया

इस चकाचौंध में रहती है भीड़ हर पल ही,
पर दम तो मेरा घुटता है यहाँ जिंदा हुँ बस युहीं|
आता है जब कोई नया ग्राहक देता है दिलासा,
बढ़़ा देती है बातें उसकी मेरी अभिलाषा युहीं||

पर वो तो ग्राहक है साहब समय से चला जायेगा,
पर मेरे मन का खालीपन फिर मुझे सतायेगा|
युहीं अब तो जिंदगी को ढो रही हुँ मैं,
मेरा हर एक सपना अब युहीं कुचलता जायेगा|

हाँ सपना देखा था मैनें कि राजकुमार आयेगा,
कहीं दूर इस दलदल से लेकर मुझे जायेगा|
पर कोई नहीं आया अब तक जो दिल की बात करें,
अरे साहब आप भी ग्राहक हो चलो अपना काम करके जाइयेगा|

मत देखो कि जिस्म मेरा किस कदर दर्द करता है,
इसी दर्द से सुबह और शाम को पेट भरता है|
मैं ही जानती हुँ कि मुझ पर क्या बीत रही,
जिस्म नहीं जब मन का खालीपन मुझको अखरता है|

युँ मीठी मीठी बातें करके अब न सताइये,
आये है जिस काम से वो काम करके जाइये|
मैं खैर मैं हुँ मेरी क्या इज्जत क्या आबरू,
आप सुनकर पीड़ा मेरी खुद को न सताइये||

©® करन

No comments:

Post a Comment

Alone boy 31

मैं अंधेरे की नियति मुझे चांद से नफरत है...... मैं आसमां नहीं देखता अब रोज रोज, यहां तक कि मैं तो चांदनी रात देख बंद कमरे में दुबक जाता हूं,...