Friday 20 January 2017

Alone boy 3

किसी ठिठुरती
रात में
एक तन्हा लड़का
छत पर
बैठकर
निहारता है
चाँद को..........
मन ही मन
चाँद से
कोई सवाल
करता है...
और फिर जानें
क्यों
आँख से
पानी की इक
बूंद टपकाता है.......
अब
फर्श पर पड़ी
बूंद में
वो अपना चाँद
देखता है........
और युहीं
अपने चाँद
के दीदार की खातिर
वो रातभर
अश्रु बहाता है......
हां.....
एकांत में
एक लड़का............
©® जाँगीड़ करन KK
20/01/2016__19:30pm

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