#alone_boy_4
एकांत में
वो लड़का
बैठा है अपनी
छत पर
चाँद को
निहार रहा शायद
और चाँद भी
आज पुर्णिमा का
अपनी पुरी छटा
बिखेर रहा,
वो लड़का
चाँद को देखकर
मुस्कुरा देता है,
कुछ पल के लिए
मगर अचानक
फिर
उसके चेहरे पे
इक उदासी सी
छा जाती है,
ना.....
यह उदासी
उसके अकेलेपन की
नहीं,
अकेलेपन में तो
उसने जीना
सीख लिया है,
यह उदासी तो
चाँद के लिए है
कि चांँद
को
धीरे धीरे
अंधेरा लील जायेगा,
काली अमावस की
रात
चाँद कितना उदास
होगा........
मगर इस उदासी का
भी
इक अंत है,
फिर पुर्णिमा आयेगी......
...........
एकांत में लड़का
चाँद की
किस्मत से
खुश है,
अब उसने जीने
का
नया तरीका
सीख लिया है.......
किसी की खुशी
में
खुश रहना..........
.........................
©® जाँगीड़ करन kk
10/02/2017___22:00PM
और मैं, मेरी चिंता न कर मैं तो कर्ण हुँ हारकर भी अमर होना जानता हुँ
शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017
Alone boy 4
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