कल
गहरी काली रात में
वो
तन्हा लड़का
बिस्तर पर
देर तक
औंधे मुंह
पड़ा रहा....
न आँखों में
नींद
न मन को
शुकून......
बस बिस्तर की
सलवटों को
घूरता रहा,
शायद
इन सलवटों में कुछ
खो गया है
उसका.......
बस इक
सुगंध के
सिवा
कुछ नहीं मिलना
अब उसे....
मगर वो
फिर भी
ताकता है
सलवटों को........
हाँ.....
तन्हा रात में
वो
करें भी तो
क्या?
©® जाँगीड़ करन kk
27/02/2017___15:00PM
और मैं, मेरी चिंता न कर मैं तो कर्ण हुँ हारकर भी अमर होना जानता हुँ
Monday 27 February 2017
Alone boy 7
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Alone boy 31
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